दिन की शुरुआत से लेकर दिन ख़त्म होने तक हम लगातार किसी न किसी वज़ह से बात करते रहते हैं। कुछ लोग इतने तेज़ होते हैं कि उन्हें चुप रहने के लिए कहना सज़ा जैसा लगता है। लेकिन कुछ बहुत मितभाषी होते हैं।
हालांकि इस मंडली ने कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उनके मन-मस्तिष्क में कई बातें चल रही हैं। इंसान के जीवन में बहुत सारे बदलाव होंगे। लेकिन, यह भी उतना ही सच है कि उनकी बोलने की आदत में कोई बदलाव नहीं आएगा।
जब से बात करने की बात उठी है तो यह पूछना आसान है कि क्या आपने कभी सोचा है कि आप एक दिन में कितने शब्द बोलते हैं? नहीं किया।
लिंक्डइन लर्निंग इंस्ट्रक्टर जेफ एंसेल रिसर्च के मुताबिक, हर व्यक्ति एक दिन में औसतन ७००० शब्द बोलता है। कुछ कम या ज़्यादा हो सकते हैं।
जीवन भर में कितनी बातें?
यह आश्चर्य की बात हो सकती है, लेकिन कोई भी व्यक्ति औसत जीवनकाल में ८६०, ३४१, ५०० यानी लगभग ८६ करोड़ शब्द बोलता है। यह जानकारी ब्रिटिश लेखक और ब्रॉडकास्टर जाइल्स ब्रैंडरेथ की किताब द जॉय ऑफ लेक्स: हाउ टू हैव फ़न विद ८६०, ३४१, ५०० वर्ड्स में दी गई है।
शब्दकोशों से
शब्दों की तुलना यदि आप शब्दों की तुलना किसी अन्य चीज़ से कर रहे हैं, तो एक व्यक्ति ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के २०वें संस्करण को १४.५ बार पढ़ता है। यदि हम किसी व्यक्ति द्वारा बोले गए शब्दों की तुलना बाइबिल से करें तो किंग जेम्स बाइबिल में जितने शब्द हैं, उससे १११० गुना अधिक शब्द मानव प्रजाति अपने जीवनकाल में बोलती है। क्या ये आंकड़े उत्सुक हैं?